THE BEST SIDE OF SHIV CHALISA LYRICS IN HINDI

The best Side of shiv chalisa lyrics in hindi

The best Side of shiv chalisa lyrics in hindi

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

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तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग भी आकर्षित होते हैं।

देवनः यदा यदा गच्छति स्म तदा तदा आहूतवान्।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल click here कुँचित केसा।।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

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